राज्यपाल ने विकसित हरियाणा-विकसित भारत का रखा विजन

राज्यपाल ने विकसित हरियाणा-विकसित भारत का रखा विजन

राज्यपाल ने विकसित हरियाणा-विकसित भारत का रखा विजन

चंडीगढ़, 7 मार्च। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण के साथ ही विधानसभा के बजट सत्र का आगाज हुआ। राज्यपाल ने सर्वप्रथम संविधान शिल्पी भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन किया और ‘विकसित हरियाणा-विकसित भारत’के विजन रखा।


राज्यपाल ने सदस्यों का आह्वान किया कि ‘विकसित हरियाणा-विकसित भारत’ के संकल्प की सिद्धि में कोई अवरोध पैदा न हो, इसलिए सदन के समय के पल-पल का सदुपयोग करते हुए जनहित को प्राथमिकता दें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सत्र के दौरान रचनात्मक विचार-विमर्श होगा और यह सदन हरियाणा के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सफल होगा।

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे हो गये हैं और इस उपलक्ष्य में पूरे देश में ‘हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान’ अभियान चलाया जा रहा है। यह गर्व की बात है कि संविधान सभा में हरियाणा के आठ महापुरुषों -पंडित ठाकुर दास भार्गव, मास्टर नंदलाल, चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा, लाला देशबंधु गुप्ता, चौधरी निहाल सिंह तक्षक, डॉ. गोपीचंद भार्गव, चौधरी सूरजमल एडवोकेट और पंडित श्रीराम शर्मा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। हमारा संविधान विविधता में एकता वाले हमारे विशाल देश के हर नागरिक को समान अधिकार देता है।

राज्यपाल ने राष्ट्रीय एकता के अमर प्रतीक सरदार वल्लभ भाई पटेल तथा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि देश की महान सांस्कृतिक एकता का प्रमाण गत दिनों प्रयागराज में महाकुंभ के रूप में पूरे विश्व को देखने को मिला है।

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राज्य सरकार लगातार नेक नीयत, दृढ़ संकल्प, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ हरियाणा को विकास और जनकल्याण के मामले में नई बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए काम कर रही है। समय की आवश्यकता के अनुसार नये निर्णय ले रही है और नई नीतियां बना रही है। अपने तीसरे कार्यकाल में सरकार किए गए संकल्पों की सिद्धि के लिए तिगुणी गति से काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के नॉन-स्टॉप विकास के लिए अब हर प्रकार से अनुकूल वातावरण है। आने वाले समय में हरियाणा की विधानसभा कैसे निर्णय लेती है, क्या नीतियां बनाती है, इस पर पूरे प्रदेश की निगाहें रहेंगी। इस अनुकूल समय का अधिक से अधिक लाभ प्रदेश और इसकी जनता को मिले, यह दायित्व हर सदस्य का है।

राज्यपाल ने कहा कि अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीन दयाल उपाध्याय के इस मूलमंत्र को हमेशा याद रखें कि कोई भी समाज तब तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक कि अंतिम व्यक्ति सशक्त और आत्मनिर्भर न बन जाए। हमारा हर फैसला इस सोच पर निर्भर होना चाहिए कि उसका प्रभाव समाज के सबसे गरीब और कमजोर व्यक्ति पर क्या पडे़गा।

उन्होंने विश्वास व्यक्ति किया कि इस विधानसभा में जनकल्याण के निर्णयों का एक नवीन अध्याय लिखा जाएगा। हम सब मिलकर पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ ‘विकसित हरियाणा-विकसित भारत’ की संकल्प सिद्धि की दिशा में आगे बढ़ें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *