मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को राहत: इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी फिर से लागू

मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को राहत: इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी फिर से लागू
चंडीगढ़, 24 जुलाई। हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने राज्य के मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को राहत देते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 40 लाख रुपये से कम कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी को पुनः बहाल किया जाए, ताकि पर्यावरण हितैषी परिवहन को बढ़ावा मिले और आमजन लाभान्वित हो सके।
राव नरबीर सिंह आज नई MSME नीति को लेकर उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उन्हें जानकारी दी गई कि वर्तमान में केवल 40 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 15 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध है, जो मध्यमवर्ग की पहुंच से बाहर है। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना तभी सार्थक होगा, जब इसका लाभ आम नागरिक तक पहुंचे। उन्होंने निर्देश दिए कि इस संबंध में आवश्यक नीतिगत निर्णय तत्काल प्रभाव से लिया जाए।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाली अनुदान राशि के लिए राज्य स्तर पर प्रक्रियाएं तय समय में पूरी की जाएं, जिससे फंड समय पर प्राप्त हो और औद्योगिक विकास में कोई बाधा न आए। उन्होंने अधिकारियों को 2019 की MSME नीति में आवश्यक संशोधन शीघ्र पूर्ण करने और नई MSME नीति जल्द लागू करने के निर्देश भी दिए।
राव नरबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा की भौगोलिक स्थिति अत्यंत लाभकारी है। राज्य न केवल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है, बल्कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और जेवर एयरपोर्ट से इसकी सीधी कनेक्टिविटी है। उन्होंने कहा कि देश—विदेश के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक आधुनिक, व्यावहारिक और समावेशी नई औद्योगिक नीति तैयार की जाए, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों।
बैठक में मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही आरएएमपी स्कीम, पदमा स्कीम, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी स्कीम, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा स्कीम, मिनी क्लस्टर योजना, प्लग एंड प्ले स्कीम, हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020 जैसी कई योजनाओं की समीक्षा की गई।
बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, महानिदेशक डी. के. बेहरा सहित विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।