पंजाब सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी

पंजाब सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी

पंजाब सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी

चंडीगढ़, 22 जुलाई। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था के विकास को उत्साहित करने में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की।

नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस को मनाने के लिए करवाए गए समागम को संबोधन करते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य के किसानों को सशक्त बनाने और राज्य के सहकारी बैंकिंग नैटवर्क को मज़बूत करने में संस्था की अहम भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने ख़ास तौर पर सहकारी बैंकों और सोसायटियों को नाबार्ड द्वारा दिए गए कम ब्याज दर वाले कर्जों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सुलभ वित्तीय स्रोत इन संस्थाओं को बदले में किसानों को किफ़ायती कर्ज़ प्रदान करने के समक्ष बनाते हैं, जोकि राज्य में कृषि विकास का मुख्य आधार हैं।

वित्त मंत्री ने राज्य की तरक्की में बहुउद्देशीय सहकारी कृषि सेवा सोसायटियों ( एम.पी.सी.ए.एस. एस) की अहम भूमिका पर भी ज़ोर दिया। पंजाब के सहकारी क्षेत्र की सफलता की कहानियों के प्रमाण के तौर पर वित्त मंत्री चीमा ने 1920 में स्थापित ‘द लांबड़ा कांगड़ी एम.पी.सी.ए.एस.एस. लिमिटेड, होशियारपुर’ के नुमाइंदों को समागम में मौजूद लोगों के साथ अपनी सफलता की कहानी सांझी करने के लिए न्योता दिया। इस सोसायटी की सफलता प्रभावी सहकारी कार्यप्रणाली की एक प्रेरक उदाहरण के तौर पर काम करती है।

पंजाब की प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटियों (पैकस) की मौजूदा स्थिति पर बोलते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य में लगभग 3500 पैकस में से लगभग 1800 इस समय लाभ में चल रही हैं, जबकि बाकी वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही हैं। उन्होंने पंजाब के किसानों को, जिन्होंने हमेशा कृषि नवीनता में देश का नेतृत्व किया है, को राज्य भर में पैकस नैटवर्क को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।

इस समागम के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अलग-अलग श्रेणियों में बेहतरीन एम.पी.सी.ए.एस. एस. को सम्मानित भी किया, जिनमें नूरपुर बेट एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमटिड, लुधियाना, लांबड़ा कांगड़ी एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमिटेड, होशियारपुर और सुखानन्द एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमटिड, मोगा को ‘साल के दौरान सर्वाेत्तम एम.पी.ए.सी.एस. – ग़ैर-क्रेडिट सेवाओं’ के तौर पर; बीजापुर एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमिटेड, लुधियाना, समीपुर एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमटिड, जालंधर, और कल्याण सुक्खा एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमिटेड, बठिंडा को‘ सर्वाेत्तम एम.पी.ए.सी.एस. – वित्तीय कारगुज़ारी’ के तौर पर; और सुखानन्द एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमिटेड, मोगा, महल गहिलां एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमटिड, एस. बी. एस. नगर, और गिद्दरानी एम.पी.सी.ए.एस. एस. लिमिटेड, संगरूर को ‘साल की सर्वोत्तम नईं एम.पी.ए.सी.एस. – विभिन्न एम.ओ.सी. पहलकदमियों को अपनाने’ के तौर पर सम्मानित किया गया। उन्होंने कपूरथला डी.सी.सी.बी., जालंधर डी. सी. सी. बी., मुक्तसर डी.सी.सी.बी., पी.एस.टी.सी.बी., आर.सी.एस., संगरूर फूलकारी प्रोड्यूसर कंपनी, और संगरूर एग्री ग्रोयर प्रोड्यूसर कंपनी को भी उनकी शानदार कारगुज़ारी के लिए सम्मानित किया।

इस मौके पर अन्यों के इलावा भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निर्देशक विवेक श्रीवास्तव, नाबार्ड, पंजाब के सी.जी.एम.वी. के. आर्य, नाबार्ड, हरियाणा की सी.जी. एम. निवेदिता तिवारी, पी.एस.सी.बी. के चेयरमैन जगदेव सिंह, और पी. एस. सी. बी. के एम. डी. हरजीत सिंह संधू भी उपस्थित थे।

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