हरियाणा के लैंड-बैंक से प्रदेश में प्रोजेक्ट जल्द सिरे चढ़ेंगे- सीएम

हरियाणा के लैंड-बैंक से प्रदेश में प्रोजेक्ट जल्द सिरे चढ़ेंगे- सीएम

हरियाणा के लैंड-बैंक से प्रदेश में प्रोजेक्ट जल्द सिरे चढ़ेंगे- सीएम

चंडीगढ़, 6 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि हरियाणा में ई-भूमि पोर्टल पर स्वेच्छा से ऑफर की गई जमीन से जो लैंड-बैंक बनेगा, उससे प्रोजैक्ट जल्द सिरे चढ़ पाएंगे। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई यह अनूठी पहल सरकारी योजनाओं के लिए भूमि एकत्रित करने की दिशा में देश भर में पहला प्रयोग है।

        मुख्यमंत्री आज यहां हाई पावर्ड लैंड परचेज कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा, वन एवं वन्य जीव राज्य मंत्री संजय सिंह भी मौजूद थे।

        मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि कई ऐसे लोग भी हैं, जोकि कल्याणकारी कार्यों के लिए नि:शुल्क जमीन दान कर देते हैं। उन्होंने जींद जिला के बड़ौली गांव में बनाए जा रहे जलघर के लिए इसी गांव के रामेहर द्वारा 2.8 एकड़ भूमि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को नि:शुल्क ऑफर किये जाने की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे लोग समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

        मुख्यमंत्री ने अम्बाला, भिवानी, हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा तथा सोनीपत जिलों में ई-भूमि पोर्टल पर भूमि मालिकों द्वारा तयशुदा रेट के अनुसार ऑफर की गई जमीन से सम्बंधित चर्चा की और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मालिकों से भी बात की। उन्होंने अम्बाला जिले में पम्प हाऊस से पानी की निकासी किये जाने के लिए चिन्हित जमीन के अलावा हिसार जिला के आदमपुर से दड़ौली रोड पर आरओबी के सर्विस रोड, हिसार जिला में जींद-बरवाला रोड से राखीगढ़ी म्यूजियम तक नई सडक़ बनाने और रेवाड़ी जिले के कोसली कस्बा में नया बाईपास बनाने के लिए ई-भूमि पोर्टल पर ऑफर की गई जमीन बारे विस्तार से विचार-विमर्श किया। उन्होंने उक्त प्रोजैक्टस से सम्बंधित जिलों के उपायुक्त तथा भूमि मालिकों से भी बातचीत करके इन एजेंडों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।

        मुख्यमंत्री नायब सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ई-भूमि पर ऑफर की जाने वाली जमीन का मौके पर मुआयना करके यह तसल्ली कर लें कि वह जमीन किसी प्रोजेक्ट के लिए काम आ सकती है या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वन क्षेत्र को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होना चाहिए। अगर किसी प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटने आवश्यक हों तो उनकी पूर्ति के लिए नियमानुसार नये पौधे अवश्य लगाए जाने चाहिएं।

        इस अवसर पर मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, वित्त एवं योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के  अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के.सिंह, नगर एवं आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता, लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, शहरी निकाय विभाग के आयुक्त विकास गुप्ता, भूमि जोत एवं भूमि अभिलेखों समेकन विभाग की निदेशक, आमना तस्नीम के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उक्त अधिकारियों के अलावा विभिन्न जिलों के उपायुक्त भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।

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