आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को छत देने की तैयारी

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को छत देने की तैयारी

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को छत देने की तैयारी

चंडीगढ़, 12 जुलाई। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के लिए नीति को मंजूरी दी गई है।

इस नीति के तहत राज्य के उन सभी गरीब परिवारों को आवास सुविधाएं प्रदान की जाएगी, जिनके पास या तो शहरी क्षेत्रों में अपना घर नहीं है या वे वर्तमान समय में कच्चे घरों में रहते हैं। शुरुआत में इस योजना के तहत 1 लाख आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आवास उपलब्ध कराना है।

योजना का पात्र होने के लिए लाभार्थियों के पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) हो व पीपीपी  के अनुसार उसकी 1.80 लाख रुपये तक की सत्यापित वार्षिक पारिवारिक आय होनी चाहिए और शहरी क्षेत्र में उनके या उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए। नीति में प्रत्येक पात्र परिवार के लिए 1 मरला (30 वर्ग गज) का प्लॉट देने का प्रावधान है, जिससे उन्हें अपना पक्का मकान बनाने की अनुमति मिलेगी। राज्य सरकार सभी के लिए आवास विभाग के माध्यम से आवश्यक भूमि उपलब्ध कराएगी।

मुख्य रूप से राज्य प्रायोजित यह योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के लाभार्थी नेतृत्व निर्माण (बीएलसी) वर्टिकल के साथ एकीकृत होगी। यह 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को लक्षित करता है, जिन्होंने 13 सितंबर 2023 से 19 अक्टूबर 2023 और 5 जनवरी 2024 से 19 जनवरी 2024 तक सभी के लिए आवास विभाग के वेब पोर्टल के माध्यम से किए गए मांग सर्वेक्षण में पंजीकरण कराया है। घुमंतू जाति, विधवाएं, अनुसूचित जाति और अन्य को लाभार्थियों को वरीयता दी जाएगी।

पिछले साल 1.80  लाख रुपये तक की सत्यापित आय वाले शहरी परिवारों के बीच आवास की मांग का आकलन करने के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण अभियान चलाया गया था। लगभग 2.89 लाख आवेदकों ने फ्लैट या प्लॉट की मांग दर्ज की, जिनमें से 1.51 लाख ने प्लॉट और 1.39 लाख ने फ्लैट के लिए आवेदन किया। लाभार्थी मानक डिजाइन के अनुसार आवंटित 30 वर्ग गज के प्लॉट पर 350 वर्ग फीट/425 वर्ग फीट के कारपेट एरिया वाले डुप्लेक्स (दो मंजिला) फ्लैट का निर्माण कर सकते हैं। सब्सिडी, ऋण और ब्याज छूट योजनाओं को मिलाकर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। विशेष रूप से पीएमएवाई-यू के लाभार्थी नेतृत्व वाले निर्माण वर्टिकल के तहत घर निर्माण की सुविधा के लिए 1.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। 
राष्ट्रीयकृत बैंकों या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से 6 लाख रुपये तक का आवास ऋण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के लिए राज्य सरकार उनकी ईएमआई पर ब्याज छूट प्रदान करेगी। सरकार पहले दो वर्षों के लिए कुल ब्याज राशि और तीसरे वर्ष में 35,000 रुपये तक की ब्याज राशि का भुगतान करेगी। चौथे वर्ष में सरकार ब्याज राशि का 25,000 रुपये तक और पांचवें वर्ष में 10, 000 रुपये तक का भुगतान करेगी। इसके अतिरिक्त MMSAY लाभार्थियों के लिए भवन स्वीकृति शुल्क, विकास शुल्क आदि नहीं लिए जाएंगे। प्लॉट के लिए पंजीकरण (हस्तांतरण विलेख) शुल्क नाममात्र 500 रुपये होगा। संबंधित प्राधिकारी द्वारा आवेदन के समय पानी और सीवरेज कनेक्शन के लिए शुल्क भी माफ कर दिया जाएगा।

कैबिनेट बैठक में इसके अलावा भी कई अन्य फैसले लिए गए।

चंडीगढ़, 12 जुलाई- हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आवास तथा सस्ती दरों पर डवेल्लिंग यूनिट उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना लागू करने का निर्णय लिया है।

यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया  है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना का मुख्य उद्देश्य सतत विकास के तहत ग्रामीणों को किफायती दर पर गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध करवाना है। सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक ग्रामीण को पारदर्शी और योजनाबद्ध तरीके से आवास उपलब्ध करवाएगी। इससे ग्रामीणों की समृद्धि में बढ़ोतरी होगी।

सरकार के इस निर्णय के बाद ऐसे लाभार्थियों को आवास उपलब्ध होगा, जिन्हें महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत पिछले 15 वर्षों में आवासीय प्लाट का कब्जा नहीं मिला।

ऐसे लाभार्थियों को सरकार अधिकतम 1 लाख रुपये वित्तीय सहायता या 100 वर्ग गज तक के आवासीय प्लॉट की वास्तविक कीमत, जो भी कम हो मुहैया करवाएगी।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 तक लागू की जाएगी। ग्रामीण विकास विभाग ऐसे चिन्हित लाभार्थियों की सूची उपलब्ध करवाएगा, जिन्हें महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 100 वर्ग गज के प्लॉट का कब्जा नहीं दिया गया।

यह योजना ऐसे लाभार्थियों को लाभ सुनिश्चित करेगी, जिन्हें महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत प्लॉट तो आवंटित हुए लेकिन पिछले 15 वर्षों में प्लॉट का कब्जा नहीं मिला। ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से ऐसे चिन्हित लाभार्थियों की सूची जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्धारित दिशानिर्देशों और संशोधन के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के लाभार्थियों को चिन्हित करेगा। ऐसे लाभार्थियों की सूची ग्रामीण विकास विभाग मुहैया करवाएगा। इस सूची के आधार पर हाउसिंग फॉर ऑल विभाग लाभार्थियों को अधिकार पत्र जारी करेगा। यह अधिकार पत्र जारी होने की तिथि से एक वर्ष के लिए मान्य होगा। इन पत्रों पर क्यू आर कोड (विशिष्ट पहचान कोड) अंकित होगा। ऐसे लाभार्थियों का डाटा व अधिकार पत्र की जानकारी राजस्व विभाग के साथ सांझा की जाएगी।

इसके लिए  राजस्व विभाग ‘‘स्टैंडर्ड सेल डीडज्ज् तैयार करेगा, जिसमें क्रेता, विक्रेता व अधिकार पत्र की जानकारी शामिल होगी। लाभार्थी को अधिकार पत्र जारी होने के 1 वर्ष के समय अवधि में आवासीय प्लॉट खरीदना होगा। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पंजीकरण प्राधिकारी सम्बंधित उप-मण्डल अधिकारी (सिविल) होंगे।

प्लॉट की रजिस्ट्री के दौरान खरीददार व विक्रेता को पंजीकरण प्राधिकारी उप-मण्डल अधिकारी (सिविल) के समक्ष मौजूद रहना होगा। इस दौरान सम्बंधित दस्तावेज जैसे कि अधिकार पत्र, स्टैंडर्ड सेल डीड (जोकि हाउसिंग फॉर ऑल विभाग की वेबसाइट 

https://hfa.haryana.gov.in  पर उपलब्ध है), विक्रेता की बैंक पास बुक की कॉपी इत्यादि उपलब्ध करवानी होगी।
पंजीकरण प्राधिकारी वेब हैलरिस के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके लिए वेब हैलरिस से एपीआई जनरेट होगा जोकि हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एक्सेस हो सकेगा। इसमें लाभार्थियों के पंजीकरण संबंधी जानकारी सांझा की जा सकेगी। एपीआई के माध्यम से वेब हैलरिस पर भुगतान प्रक्रिया पूरी करने के लिए पंजीकरण के बाद विक्रेता की जानकारी, खरीददार की जानकारी, सम्पति का विवरण, लेनदेन की राशि की जानकारी हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के साथ सांझा की जाएगी। हाउसिंग फॉर ऑल विभाग एक बैंक खाता रखेगा। खरीददार, विक्रेता व पंजीकरण प्राधिकारी को एसएमएस /ईमेल के माध्यम से विक्रय व लेनदेन की राशि की जानकारी भेजी जाएगी।

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