मंत्री ढांडा ने की परिवेदना समिति की बैठक

मंत्री ढांडा ने की परिवेदना समिति की बैठक
चंडीगढ़, 12 मई। हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि जिला के सभी उच्च अधिकारी हर महीने कम से कम चार स्कूलों का निरीक्षण करें और वहां बच्चों को दी जा रही गुणवत्ता पूरक शिक्षा एवं उनकी मूलभूत सुविधाओं की जांच करें। अगर किसी स्कूल में कोई कमी आंकी जाती है तो उसका समाधान कराया जाए, ताकि शिक्षा का स्तर और अधिक मजबूत हो सके।
शिक्षा मंत्री आज जींद के डीआरडीए के सभागार में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उचाना के विधायक श्री देवेंद्र अत्री, डीसी मोहम्मद इमरान रजा, पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह सहित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में समाधान के लिए कुल 18 शिकायतें रखी गई, जिसमें से 4 का मौके पर ही समाधान किया गया और शेष बची शिकायतों के समाधान के लिए अधिकारियों की कमेटी गठित कर उनकी ड्यूटियां निर्धारित की गई हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि ज्यादातर मामले काफी पुराने हैं, इसलिए मामलों के समाधान के लिए निष्पक्ष जांच करवाकर ही समाधान करवाया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ढांडा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ईमानदारी से कार्य करें, शिकायतों की तह तक जाकर ही कोई निर्णय लें ताकि प्रतिवादी को न्याय मिल सके।
जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक उपरांत शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि बच्चों को गुणवत्ता पूर्वक व संस्कार युक्त शिक्षा देना सरकार का मुख्य ध्येय है। केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश सरकार द्वारा लागू किया जा चुका है। इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने से हरियाणा में शिक्षा स्तर और मजबूत होगा। विद्यार्थियों को अपने मूल विषयों के साथ- साथ एक अन्य भाषा सीखने का भी मौका मिलेगा, ताकि हमारे युवा दूर- दराज क्षेत्रों में जाकर अपनी मूल भाषा के साथ- साथ अन्य भाषाओं में अपने विचार आदान- प्रदान कर सकें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा योजना के तहत विद्यार्थियों को पुस्तक व स्टेशनरी उपलब्ध करवा दी गई हैं। इस पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए पाठ्य सामग्री का बच्चों को वितरण करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अधिक बच्चों ने दाखिला लिया गया है । उन्होंने कहा कि कोई भी प्राइवेट स्कूल 5 वर्ष की अवधि तक बच्चों की किताबों व वर्दियों में कोई भी बदलाव नहीं करेगा, इस बारे में निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।