मुख्यमंत्री ने पर्यावरण से जुड़ी दो परियोजनाएं की लॉन्च

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण से जुड़ी दो परियोजनाएं की लॉन्च

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण से जुड़ी दो परियोजनाएं की लॉन्च

चंडीगढ़, 13 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने आज करनाल में आयोजित 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण से बचाव के उद्देश्य से दो महत्वाकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ किया। इसमें वन मित्र और एक पेड़ मां के नाम योजना शामिल है। वन मित्र गड्ढे खोदकर पेड़ लगाने के साथ-साथ उसका संरक्षण भी करेंगे। इस कार्य के लिए उन्हें प्रति पेड़ के हिसाब से सरकार द्वारा 20 रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह एक पेड़ मां के नाम योजना के तहत लोगों द्वारा लगाए गए पेड़ों को संरक्षण के लिए वन मित्रों को सौंपा जाएगा। इस काम के लिए सरकार द्वारा वन मित्रों को प्रति पेड़ के हिसाब 10 रुपये दिए जाएंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने करनाल में स्थापित ऑक्सी वन का उद्घाटन किया। 40 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे इस ऑक्सी वन का 5 जून 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शिलान्यास किया था। इस ऑक्सी वन में 9 प्रकार के वन विकसित किए जा रहे हैं। ऑक्सी वन में 10 हजार पेड़ पहले लगाए गए थे और आज विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं, छात्रों और एनसीसी कैडेट्स द्वारा एक साथ 20 हजार और पौधे लगाए गए। इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वन विभाग द्वारा प्रकाशित 9 पुस्तकों का विमोचन भी किया।

पीएम ने की थी एक पेड़ मां के नाम योजना की शुरुआत 

मुख्यमंत्री ने बताया कि गत 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक पेड़ मां के नाम से एक अनूठे अभियान की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘जितना सम्मान हम अपनी जन्म देने वाली मां को देते हैं, उतना ही सम्मान हमें हमारा पालन पोषण करने वाली धरती मां को भी देना होगा। अपनी मां के नाम पौधा लगाने से मां का तो सम्मान होगा ही, साथ ही धरती मां की भी रक्षा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार भी प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश को हरा-भरा बनाकर प्रदूषण मुक्त करने के लिए कृतसंकल्प है। इसी के तहत आज एक पेड़ मां के नाम योजना का हरियाणा में भी विधिवत रूप से शुभारंभ किया गया है।

हर परिवार एक पेड़ जरूर लगाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर में दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण चिंता का विषय है। इस वर्ष हरियाणा में भी कई जिलों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामान करना पड़ा। आसमान में प्रदूषण और धरती पर तापमान का निरंतर बढ़ना चिंता का विषय है। उन्होंने अपील की है कि हर परिवार कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाए। इसके साथ-साथ यह संकल्प भी लें कि अपने बच्चे के जन्मदिन पर, विवाह की वर्षगांठ के अवसर पर या किसी खुशी के अवसर पर पेड़ लगाकर अपनी खुशी को यादगार बनाएं।

बढ़ता हुआ पेड़ प्रगतिशील राष्ट्र का है प्रतीक

उन्होंने कहा कि एक बढ़ता हुआ पेड़ प्रगतिशील राष्ट्र का प्रतीक होता है। हमारी अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है। कृषि के लिए जमीन को उपजाऊ रखने में पेड-पौधों और वनों का बड़ा योगदान होता है। इसलिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाकर वनों का विकास करना होगा और पेड़-पौधों की रक्षा करनी होगी। जितने ज्यादा पेड़-पौधे होंगे, उतना ही हमारा पर्यावरण स्वच्छ होगा।

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए हैं 22 ऑक्सीवन

मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी का उल्लेख करते हुए कहा कि कोविड महामारी हमें यह सीख दे गई थी कि इस धरती पर जीवन को बचाए रखने के लिए ऑक्सीजन सबसे महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए हर जिले में 5 से 100 एकड़ क्षेत्रफल पर ऑक्सीवन बनाने की योजना की शुरुआत की। वर्ष 2022-23 में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 22 ऑक्सीवन स्थापित किये गये हैं। जिला पंचकूला में ऑक्सीवन स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। इसी के तहत वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए वर्ष 2023-24 में अरावली की पहाड़ियों में पड़ने वाले गुरुग्राम, नूंह, रेवाड़ी तथा महेंद्रगढ़ जिले में 22,425 हेक्टेयर क्षेत्र को सुरक्षित वन अधिसूचित किया गया है और इसके संरक्षण पर 6 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में स्थित 134 तीर्थों में पंचवटी वाटिका बनाने की शुरुआत की है। ये तीर्थ जिला कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल और पानीपत में स्थित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्राणवायु देवता पेंशन योजना शुरू की है, जिसके तहत वृक्षों के रखरखाव के लिए 2750 रुपये प्रति वर्ष प्रति पेड़ पेंशन का प्रावधान किया है। वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 3819 वृक्षों के संरक्षकों के खातों में 2750 रुपये प्रति वृक्ष के हिसाब से धनराशि डाली जा चुकी है। इसी तरह से प्रदेश में ‘हर गांव पेड़ों की छांव, ‘पौधगिरी’ तथा ‘हर घर हरियाली’ जैसी योजनाएं सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं।

प्रदेश में इस वर्ष डेढ़ करोड़ पौधे लगाए जाएंगे

मुख्यमंत्री ने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी लगभग डेढ़ करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। अक्टूबर 2014 से अब तक प्रदेश में लगभग 18 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं। वन विभाग द्वारा पहले से लगे हुए और हर वर्ष होने वाले पौधारोपण की जीओ टैगिंग ड्रोन द्वारा नियमित मैंपिंग की जाएगी तथा 5 वर्ष तक हुई उनकी ग्रोथ पर नजर रखी जाएगी ताकि हरियाणा में वन क्षेत्र को बढ़ाया जा सके।

मोरनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर का औषधीय वन किया गया स्थापित

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न जिलों में हर्बल पार्क विकसित किये हैं। मोरनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर का औषधीय वन स्थापित किया गया है। इसके अलावा जिला सोनीपत के मुरथल में 116 एकड़ तथा यमुनानगर के सढौरा में 11.25 एकड़ जमीन पर नगर वनों का विकास किया गया है। इसी तरह से करनाल, पंचकूला, फरीदाबाद, गुरुग्राम तथा पलवल में नगर वन विकसित किये जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय लोगों को वन एवं पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने के लिए राज्य में लगभग 2500 ग्राम वन समितियां कार्यरत हैं।

हर व्यक्ति एक पेड़ अवश्य लगाए- संजय सिंह

इस मौके पर वन एवं वन्य प्राणी, पर्यावरण एवं खेल राज्य मंत्री संजय सिंह ने लोगों से आह्वान किया कि आज से शुरू की गई एक पेड़ मां के नाम योजना के तहत वे कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं और प्रदेश को हरा-भरा बनाने व प्रदूषण मुक्त करने की सरकार की मुहिम में अपना अहम योगदान दें, ताकि आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्या का सामना न करना पड़े।

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