साइबर अपराध नियंत्रण में हरियाणा बना नजीर
चंडीगढ़, 10 सितंबर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा पुलिस के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर को साइबर हेल्पलाइन- 1930 के देशभर में सबसे प्रभावी तथा उत्कृष्ट प्रबंधन के लिए सम्मानित किया।
इस मौके पर उनके साथ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साइबर ममता सिंह भी मौजूद थी।
इस उपलब्धि के साथ हरियाणा पुलिस ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर हरियाणा पुलिस द्वारा किए जा रहे कार्य देशभर में सबसे ज्यादा उत्कृष्ट व बेहतर है। इस उपलब्धि पर पुलिस महानिदेशक ने साइबर हेल्पलाइन 1930 की पूरी टीम को अपनी शुभकामनाएं व बधाई दी तथा भविष्य में भी इसी प्रकार पूरे समर्पण भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
यह समारोह ‘I4C के प्रथम स्थापना दिवस समारोह एवं साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रमुख कार्यक्रमों के शुभारंभ’ अवसर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था। इस समारोह में देशभर के अलग-अलग राज्यों से आए वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
हरियाणा पुलिस को यह पुरस्कार साइबर अपराध नियंत्रण के तीन अलग-अलग पैरामीटर पर खरा उतरने के चलते दिया गया है। सबसे पहला साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के प्रभावी व उत्कृष्ट प्रबंधन करने, दूसरा महिलाओं तथा बच्चों के विरुद्ध होने वाले साइबर अपराधों में सक्रियता से हस्तक्षेप करते हुए उन्हें रोकने के लिए की जाने वाली त्वरित कार्रवाई करने, तीसरा, हरियाणा पुलिस द्वारा I4C में साइबर अपराध नियंत्रण के लिए विकसित किए गए अलग-अलग मॉड्यूल में अपना योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा हरियाणा पुलिस की कार्यप्रणाली की सराहना की गई है।
डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि तकनीक के इस दौर में साइबर अपराध देशभर के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। इस चुनौती से निपटने के लिए हरियाणा पुलिस ने इसे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया और व्यवस्था परिवर्तन करते हुए साइबर सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में प्रयास किए। साइबर हेल्पलाइन नंबर पर तैनात कर्मियों की संख्या को 3 से 4 गुना बढ़ाया गया। साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जाने वाले तौर तरीकों का अध्ययन करते हुए इन्हें रोकने की रणनीति तैयार की गई। बैंकों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए उनके साथ साइबर फ्रॉड रोकने की दिशा में प्रयास किए गए। आरबीआई के साथ बैठक करते हुए इस समस्या से निपटने की योजना तैयार की गई। इतना ही नहीं, टेलीकॉम कंपनियों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए जाली सिम कार्ड बंद करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए।