हरियाणा कैबिनेट ने दी कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी
चंडीगढ़, 8 अगस्त। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आज अनुबंधित कर्मचारियों के हित में बड़ा ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अनुबंधित कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देने का फैसला किया है। इससे प्रदेशभर में लगभग 1 लाख 20 हजार अनुबंधित कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा। सरकार का यह निर्णय आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 और पार्ट-2 सहित एचकेआरएन के तहत कार्यरत अनुबंधित कर्मचारियों पर लागू होगा।
इस संबंध में आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं को सेवानिवृत्ति की तिथि तक सुरक्षित रखने की गारंटी और उन्हें अधिक सुविधाएं देने के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
इस अध्यादेश के अनुसार, राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न विभागों सहित हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत सभी अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं को सेवानिवृति की अवधि तक सुरक्षित करने का प्रावधान किया है। 15 अगस्त, 2024 तक जिन अनुबंधित कर्मचारियों को 5 वर्ष पूरे हो जाएंगे वे इस नीति के तहत पात्र होंगे। अनुबंधित कर्मचारियों को पे-स्केल का बेसिक वेतन दिया जाएगा। साथ ही, महंगाई भत्ते (डीए) अलाउंस के अनुरूप नियमित कर्मचारी की तर्ज पर हर जनवरी और हर जुलाई की पहली तारीख को अनुबंधित कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि करने का भी प्रावधान किया है।
अनुबंधित कर्मचारियों को 1 साल की सेवा के बाद सालाना वेतन वृद्धि देने का भी प्रावधान किया गया है। ऐसे सभी कर्मचारियों को डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का लाभ भी मिलेगा। इतना ही नहीं, अनुबंधित कर्मचारी मेटरनिटी एक्ट के तहत मिलने वाले सभी लाभ के लिए भी पात्र होंगे। पीएम-जन आरोग्य योजना-चिरायु एक्सटेंशन योजना के तहत अनुबंधित कर्मचारियों के परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
50,000 रुपये प्रतिमाह से अधिक वेतन लेने वाले अनुबंधित कर्मचारी इस नीति के तहत पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा, केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के तहत कार्यरत कर्मचारियों पर यह फैसला लागू नहीं होगा।
जिन्हें 5 साल और अधिक वर्ष काम करते हुए हो गए हैं, उन्हें मानदेय के अतिरिक्त समान पद के अनुसार उस पद के न्यूनतम पे लेवल से 5 प्रतिशत अधिक मिलेगा। इसी प्रकार, जिन्हें 8 साल और अधिक वर्ष काम करते हुए हो गए हैं, उन्हें मानदेय के अतिरिक्त समान पद के अनुसार उस पद के न्यूनतम पे लेवल से 10 प्रतिशत अधिक मिलेगा। जिन कर्मचारियों को 10 साल और अधिक वर्ष काम करते हुए हो गए हैं, उन्हें मानदेय के अतिरिक्त समान पद के अनुसार उस पद के न्यूनतम पे लेवल से 15 प्रतिशत अधिक मिलेगा।
गेस्ट टीचर्स को भी अब मिलेंगे अतिरिक्त लाभ
मंत्रिमंडल की बैठक में एक और बड़ा निर्णय लिया गया जिसमें उपरोक्त सुविधाओं और लाभों में से जो लाभ गेस्ट टीचर्स एक्ट में नहीं मिलते, अब वे लाभ गेस्ट टीचर्स को भी दिए जाएंगे। राज्य सरकार लगातार कर्मचारियों के हितों को लेकर कटिबद्ध है, इसी दिशा में आज मंत्रिमंडल में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। पंजीकृत बीपीएल परिवारों को 500 रुपये में मिलेगा गैस सिलेंडर
बैठक में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत एलपीजी उपभोक्ता के रूप में पंजीकृत परिवारों के लिए राज्य में नई एलपीजी योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई। यह योजना 1 अगस्त, 2024 से लागू होगी।
इस योजना के तहत हरियाणा राज्य के सभी पंजीकृत बीपीएल परिवारों को 500 रुपये प्रति सिलेंडर (14.2 किलोग्राम घरेलू सिलेंडर) की दर से प्रति वर्ष 12 सिलेंडर प्रदान किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने हरियाणा में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उक्त योजना शुरू की है। इस नई योजना के अनुसार एलपीजी की सब्सिडी-राशि परिवार की सबसे बड़ी महिला सदस्य के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। यदि परिवार में 18 वर्ष से अधिक आयु की कोई महिला सदस्य नहीं है, तो यह राशि परिवार के सबसे बड़े पुरुष सदस्य के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
प्रदेश सरकार की इस योजना से 49 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे। इससे राज्य की गरीब महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन में सुधार होगा। हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों को लाभान्वित करने के लिए 1.417 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी।
गौरतलब है कि कल ही मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने जींद में हरियाली तीज के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि प्रदेश में लाभार्थी परिवारों को अब 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा। इसी घोषणा को आज कैबिनेट की बैठक में अमलीजामा पहनाकर तुरंत लागू कर दिया गया।
न्यू रजिस्ट्रेशन नम्बर प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ाई
मंत्रिमंडल की बैठक में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत मौजूदा सोसायटियों द्वारा नए पंजीकरण नम्बर प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ाकर हरियाणा सोसायटी पंजीकरण एवं विनियमन नियम, 2012 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई।
संशोधन के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा एचआरआरएस नियम, 2012 के नियम 8(1) में संशोधन करने का निर्णय लिया गया ताकि सोसायटियों को अपना नया पंजीकरण नम्बर प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा सके। यह विस्तार अधिसूचना के माध्यम से लागू किया जाएगा और एचआरआरएस नियम, 2012 की अनुसूची-1 में निर्धारित पुन: पंजीकरण शुल्क के भुगतान के अधीन होगा। यद्यपि सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत सोसायटी एचआरआरएस अधिनियम, 2012 के तहत पंजीकृत मानी जाती हैं, लेकिन नया पंजीकरण नंबर यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि उनके ज्ञापन और उपनियम एचआरआरएस अधिनियम, 2012 के प्रावधानों के अनुरूप हों।
इसके अलावा, प्रत्येक मौजूदा सोसायटी परिशिष्ट-1 में निहित शुल्क की अनुसूची में निर्धारित शुल्क के भुगतान पर फॉर्म-VI में एक नए पंजीकरण नंबर आवंटित करने के लिए जिला रजिस्ट्रार को आवेदन करेगी। सोसायटी एक आवेदन दाखिल करेगी और आवश्यक दस्तावेजों के साथ-साथ शासी निकाय द्वारा विधिवत अधिकृत पदाधिकारी के प्रमाण पत्र के साथ अपेक्षित दस्तावेज जमा करेगी कि सोसायटी का ज्ञापन और उपनियम, जैसा कि जिला रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है, अधिनियम और मॉडल उपनियमों के प्रावधानों के अनुरूप है।
हरियाणा सोसायटी पंजीकरण और विनियमन (संशोधन) नियम, 2024 में संशोधन से सोसायटी को नए पंजीकरण नम्बर प्राप्त करने के लिए समय सीमा बढ़ाकर पुन: पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा। सोसायटी को एचआरआरएस अधिनियम, 2012 का अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एक आवेदन दाखिल करना होगा और अधिकृत पदाधिकारी से प्रमाण पत्र के साथ अपेक्षित आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। कई विस्तारों और प्रयासों के बावजूद, बड़ी संख्या में सोसायटियों ने अभी तक नए नियामक ढांचे में परिवर्तन नहीं किया है।
प्रारंभ में, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम,1860 के तहत 86,717 सोसायटियां पंजीकृत थीं। इनमें से केवल 12,923 सोसायटियों ने एचआरआरएस अधिनियम, 2012 के तहत पुनः: पंजीकरण कराया तथा 73,981 सोसायटियां पंजीकरण हेतु लंबित रह गयी हैं।